तथ्य –स्तन में पायी जाने वाली गाँठों में से कैंसर वाली गाँठे मात्र 20 प्रतिशत होती है। परन्तु यह मान लेना कि आप उस 20 प्रतिशत में नहीं है, उचित नहीं है। यदि आपको गाँठ महसूस हो तो डाक्टरी जाँच, मैमोग्राफी और सूई की जाँच या साईटोलोजी करवाना आवश्यक हैं। इन सबके आधार पर ही गाँठ की प्रवृति – कैंसर या साधारण का पता लगाया जा सकता है।
तथ्य – कैंसर की गाँठ में प्रारम्भिक अवस्था में दर्द नहीं होता है। अतः स्तन में गाँठ जिसमें दर्द न हो कैंसर की गाँठ हो सकती है। जब यह गाँठ धीरे-धीरे बढने लगती है, तब आस-पास की नसों व त्वचा पर दबाव डालती है और उनमें फैल जाती है। ऐसी स्थिति में दर्द महसूस होने लगता है।
तथ्य – मैमोग्राफी स्तन कैंसर के लिये किया जाने वाला एक विशेष किस्म का एक्स-रे है। इस जांच के दौरान स्तन पर कुछ दबाव डाल कर एक्स-रे किया जाता है, जिससे हल्का दर्द कुछ मिनिट के लिये महसूस होता है। इन्हें माहवारी के बाद करवाने से दर्द और भी कम होता है। इनमें एक्स-रे की बहुत कम मात्रा का प्रयोग होता हैं, अतः ये सुरक्षित है।
तथ्य – स्तनपान के दौरान भी कैंसर हो सकता है। यदि दूध की गाँठ एंटीबॉयटिक व दर्द निवारक औषधियों से ठीक न हो तो मैमोग्राफी व साइटोलोजी करवाना उचित हैं।
तथ्य – लगभग 80 प्रतिशत स्तन कैंसर रोगियों के परिवार में स्तन कैंसर नहीं देखा गया है। बढ़ती उम्र, मोटापा, अधिक उम्र में बच्चे होना, बांझपन, स्तनपान नहीं करवाना स्तन कैंसर के अन्य कारण है।
तथ्य – हजारों महिलाओं पर किये गये शोध में यह स्थापित किया जा चुका है, कि यदि गाँठ छोटी है तो सिर्फ गाँठ निकाल कर बाद में रेडियेशन देने से कैंसर मुक्त होने की संभावना है जो पूरा स्तन हटाने के बाद है। अतः काफी कुछ स्त्रियों में कैंसर की प्रारम्भिक अवस्था में बिना स्तन हटाये कैंसर का उपचार संभव है।
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